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पीपल वृक्ष पर धागे की लगाई गांठ मनाया गया दशा माता पर्व.

माताओं द्वारा दशा माता पूजन रतलाम

जिला रतलाम गौरव पेलेस रिपोर्ट(रितेश कैथवास).

माना जाता है कि दशा माता व्रत करने से घर की दरिद्रता खत्म होती है और अनिष्ट कारक ग्रहों की दशा शांत होती है। इस दिन कच्चे सूत के धागे का काफी महत्व है, जिसे दशा माता का डोरा कहा जाता है। दशा माता व्रत के दिन कच्चे सूत के 10 तार के डोरे में 10 गांठ लगाई जाती हैं। इसके बाद पीपल के पेड़ पर इसकी पूजा की जाती है।
बताया जाता हे,कि दशा माता को मां पार्वती का स्वरूप माना जाता है। चैत्र कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को पीपल, नीम और बरगद के त्रिवेणी स्वरूप की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस मौके पर घरों में भी दशा माता की प्रतीकात्मक स्थापना कर पूजन किया जाता हे.
जिला रतलाम के गौरव पेलेस स्थित मां अम्बे माताजी शिव मंदिर पर दशा माता पूजन महिलाओं द्वारा किया गया पीपल के वृक्ष की पूजन के पश्चात कथा सुनाई गई.
(जिला रतलाम मध्यप्रदेश) संवाददाता रितेश कैथवास.

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